संत सूरदास
सूरदास कृष्णभक्त कवी- सूरदास जीवन परिचय :- सूरदास का जन्म 1478 ई में सीही क्षेत्र में हुआ। यह गाँव मथुरा-आगरा मार्ग के किनारे स्थित है। कुछ विद्वानों का मत है कि सूर का जन्म दिल्ली के पास सीही नामक स्थान पर एक निर्धन सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह बहुत विद्वान थे, उनकी लोग आज भी चर्चा करते है। वे मथुरा के बीच गऊघाट पर आकर रहने लगे थे। सूरदास के पिता, रामदास बैरागी प्रसिद्ध गायक थे। सूरदास के जन्मांध होने के विषय में अनेक भ्रान्तिया है, प्रारंभ में सूरदास आगरा के समीप गऊघाट पर रहते थे। वहीं उनकी भेंट श्री वल्लभाचार्य से हुई और वे उनके शिष्य बन गए। वल्लभाचार्य ने उनको पुष्टिमार्ग में दीक्षित कर के कृष्णलीला के पद गाने का आदेश दिया। सूरदास की मृत्यु गोवर्धन के निकट पारसौली ग्राम में 1583 ईस्वी में हुई। जन्म : इ. स. 1478 जन्मस्थळ : सीही, दिल्ली गुरु का नाम : वल्लभाचार्य ग्रंथ :- (1) सूरसागर (2) सूरसारावली (3) साहित्य-लहरी (4) नल-दमयन्ती (5) ब्याहलो भाषाशैली : ब्रज संप्रदाय : पुष्टी तथा अष्ट संप्रदाय मृत्यु : इ.स. 1583 ( पारसोली ग्रा