संदेश

अप्रैल, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

'कष्टों से भागना कायरता है' - भगत सिंह का सुखदेव के नाम पत्र

चित्र
  कष्टों से भागना कायरता है (भगत सिंह सुखदेव के नाम पत्र) भगत सिंह का परिचय -        भगत सिंह (जन्म: 28 सितम्बर 1907, वीरगति: 23 मार्च 1931) भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। प्रस्तावना         भगत सिंह लाहौर के नेशनल कॉलेज के छात्र थे। एक सुंदर-सी लड़की आते जाते उन्हें देखकर मुस्कुरा देती थी और सिर्फ भगत सिंह की वजह से वह भी क्रांतिकारी दल के करीब आ गयी। जब असेंबली में बम फेंकने की योजना बन रही थी तो भगत सिंह को दल की जरूरत बताकर साथियों ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौपने से इंकार कर दिया। भगत सिंह के अंतरंग मित्र सुखदेव ने उन्हें ताना मारा कि तुम मरने से डरते हो और ऐसा उस लड़की की वजह से है। इस आरोप से भगत सिंह का हृदय रो उठा और उन्होंने दोबारा दल की मीटिंग बुलाई और असेंबली में बम फेंकने का जिम्मा जोर देकर अपने नाम करवाया। आठ अप्रैल, 1929 को असेंबली में बम फेंकने से पहले सम्भवतः 5 अप्रैल को दिल्ली के सीताराम बाजार के

रहीम के दोहे

चित्र
  रहीम के दोहे  B.A. I 

पत्थर की बेंच -चन्द्रकान्त देवताले

चित्र
  पत्थर की बेंच  ~ चन्द्रकान्त देवताले पत्थर की बेंच जिस पर रोता हुआ बच्चा बिस्कुट कुतरते चुप हो रहा है   जिस पर एक थका युवक अपने कुचले हुए सपनों को सहला रहा है जिस पर हाथों से आंखें ढांप एक रिटायर्ड बूढ़ा भर दोपहरी सो रहा है जिस पर वे दोनों ज़िंदगी के सपने बुन रहे हैं पत्थर की बेंच जिस पर अंकित है आंसू, थकान विश्राम और प्रेम की स्मृतियां इस पत्थर की बेंच के लिए भी शुरू हो सकता है किसी दिन हत्याओं का सिलसिला इसे उखाड़ कर ले जाया अथवा तोड़ा भी जा सकता है पता नहीं सबसे पहले कौन आसीन हुआ होगा   इस पत्थर की बेंच पर!