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रेडियो रूपक

रेडियो रूपक ▪️ रेडियो रूपक किसे कहा जाता है उसका अर्थ स्पष्ट कीजिए ॽ       रेडियो रूपक याने नाटक आता है पर वह नाटक नहीं है दृश्य जगत के रूप में वाचन और संभाषण कला संगीत और कलात्मक प्रस्तुति ध्वनि प्रभाव का ऐसा चित्र उपस्थित किया जाता है जिससे श्रोता के ह्दय में वह समाता चला जाता है ।इसके संवाद सार्थक होते हैं उसे रेडियो रूपक कहा जाता है ।नाटक मंच पर देखा जाता है उसे रेडियो सेट पर सुना जाने लगता है ध्वनि प्रभाव स्वर संगीत और प्रसारण रेडियो रूपक में महत्वपूर्ण है भारतीय नाट्य परंपरा में भरत मुनि ने अपने नाट्यशास्त्र में 10 रूपकों का उल्लेख किया था उनमें से अलग रेडियो रूपक है         भारत विशाल बहू धर्मी बहुभाषी देश है विविधता में एकता इसकी विशेषता है इसमें साहित्य संगीत और कला का महत्वपूर्ण योगदान है रेडियो ने इन तीनों को अपने अनुरूप डालकर भारत के सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदल किया है । ‌▪️ गंगा प्रदूषण पर आधारित रूपक को स्पष्ट कीजिएॽ          भारत की संस्कृति की पहचान यह रूपक है ॔प्रतीक्षा है एक भगीरथ की ॓ इस रूपक में गंगा नदी के प्रदूषण का वर्णन किया हुआ है। जिस गंगा को हम

तिरस्कार - राजेंद्र श्रीवास्तव

  तिरस्कार राजेंद्र श्रीवास्तव सारांश :- रा जेंद्र श्रीवास्तव  की तिरस्कार कहानी वृद्ध विमर्श पर आधारित है |  इस   कहानी की प्रमुख पात्र सावित्री बु आ अपने जवान बेटे   राकेश   की स्टेशन पर उसे ले जाने के लिए आने की राह देखती रहती है |  शादी के पश्चात   उसका बेटा न उसे मिलने आता है न   ही अपनी माँ को अपने पास बुलाता है   | उसे अपने बेटे पर शर्म आने लगती है सारे गांव वाले उसकी निंदा करते हैं कि बेटे ने उसे न शादी में बुलाया न किसी को पत्रिका दी मां को छोड़कर बेटे ने अपनी पसंद के अनुसार शादी कर ली थी तब से उसे बहुत शर्म लग रही थी वह अपने घर में ही छुपी छुपी बैठी रहती किंतु आज पोते के जन्म पर वह सारी बातें पीछे छोड़ देती है और अपने बेटे से मिलने नागपुर शहर को चली जाती है बेटे को तार भेजती है किंतु जब स्टेशन पर राह देखकर भी बेटा राकेश उसे ले ने नहीं आता तब उसे लगता है शायद राकेश को तार नहीं मिली होगी नहीं तो अवश्य वह मुझे लेने आता नहीं तो गाड़ी तो भेजता   ! ऐसी बाते सोचकर अपने एकमात्र बेटे राकेश की राह देख  है | अपने बेटे   बबुआ के जन्मदिन पर उसका बे टे राकेश ने अपनी मॉ को गाव मे एक   नामकर

प्रश्नसंच-आलोचनाहिंदी पेपर नंबर 13

  B.A.III     आलोचना   sem 6     हिंदी   पेपर   नंबर   13 प्रश्न संच १ ) रिपोंर्ताज’ .... भाषा का शब्द हैl (फ्रांसीसी) २)   भरतमुनि ने ..... ग्रंथ लिखाl (नाट्यशास्त्र) ३)   .......रस संप्रदाय के अद्य प्रवर्तक माना जाता हैl (आ.विश्वनाथ) ४)   ‘विभावानुभाव व्यभिचारी संयोगाद्रस निष्पत्ति’ इस रससुत्र के प्रणेता ......हैl (भरतमुनि) ५   )काव्य के ......अंग होते हैl (दो- भाव, विभाव) ६)   शृंगार रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (रति या प्रेम ) ७)   हास्य रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (हास) ८)   करुण रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (शोक) ९)   रौद्र रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (क्रोध) १०)   वीर रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (उत्साह ) ११)   भयानक रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (भय) १२   )बीभत्स रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (घृणा) १३)   अदभुत रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (विस्मय/आश्चर्य) १४)   शांत रस का स्थायी भाव ...... होता हैl (वैराग्य ) १५)   आ. विश्वनाथ ने .... ग्रंथ लिखाl (साहित्यदर्पण ) १६)   संचारी भावों की संख्या...... हैl  (३३ ) १७)   रस के ......अंग होते हैl (४- स्