रेडियो रूपक

रेडियो रूपक


▪️रेडियो रूपक किसे कहा जाता है उसका अर्थ स्पष्ट कीजिए ॽ


      रेडियो रूपक याने नाटक आता है पर वह नाटक नहीं है दृश्य जगत के रूप में वाचन और संभाषण कला संगीत और कलात्मक प्रस्तुति ध्वनि प्रभाव का ऐसा चित्र उपस्थित किया जाता है जिससे श्रोता के ह्दय में वह समाता चला जाता है ।इसके संवाद सार्थक होते हैं उसे रेडियो रूपक कहा जाता है ।नाटक मंच पर देखा जाता है उसे रेडियो सेट पर सुना जाने लगता है ध्वनि प्रभाव स्वर संगीत और प्रसारण रेडियो रूपक में महत्वपूर्ण है भारतीय नाट्य परंपरा में भरत मुनि ने अपने नाट्यशास्त्र में 10 रूपकों का उल्लेख किया था उनमें से अलग रेडियो रूपक है

        भारत विशाल बहू धर्मी बहुभाषी देश है विविधता में एकता इसकी विशेषता है इसमें साहित्य संगीत और कला का महत्वपूर्ण योगदान है रेडियो ने इन तीनों को अपने अनुरूप डालकर भारत के सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदल किया है ।

‌▪️गंगा प्रदूषण पर आधारित रूपक को स्पष्ट कीजिएॽ


         भारत की संस्कृति की पहचान यह रूपक है ॔प्रतीक्षा है एक भगीरथ की ॓ इस रूपक में गंगा नदी के प्रदूषण का वर्णन किया हुआ है। जिस गंगा को हम पवित्र मानते हैं जिससे व्यक्ति सब पापों से मुक्त होता है ऐसी हमारी धारणा है जो जीवन में प्राण भर्ती है। अमृत कुंभ निर्माण करती है। जिससे मनुष्य अमर बन जाता है। जो जीवन को निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। पृथ्वी का पाप धोते-धोते गंगा सोया अभिशप्त उसकी त्याग ममता और प्रेम का मानव लोग कैसा बलिदान दे रहे हैं।भगीरथ के जन्म से ही भगीरथ के जन्म से ही गंगा की निर्मिती थी और पृथ्वी तल पर अन्य दूसरे भगीरथ को ही जन्म लेना पड़ेगा जिससे गंगा का प्रदूषण दूर होगा पर्यावरण पर आधारित यह रेडियो रूपक है।

▪️‌बुंदेलखंड की वीरता का वर्णन कीजिएॽ


          चीर चेतन बुंदेलखंड का एक अंश है जिसमें रानी लक्ष्मीबाई झांसी के लिए अपना बलिदान दे चुकी है ।जिसमें महाराजा मदन सिंह बखत बली आदिश्वर वीरों को पाल पोस वीरता का इतिहास इसमें लिखा है। भगत सिंह की क्रीडा स्थली बना यह बुंदेलखंड आज भी इतिहास का शाश्वत सत्य वीरों का कथ्य और उनका त्याग हमारे सामने व्यक्त करता है।

‌▪️महात्मा गांधी जी के साथ कौन सी घटना घटी और क्यों ॽ


            तीसरा रुपक महात्मा गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका में घटी घटना को व्यक्त करता है वर्ण वेद की समस्या को इस रूप में व्यक्त किया गया है इस घटना के बाद महात्मा गांधी जी ने रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाई व्यापक संघर्ष किया अंग्रेजों के विरुद्ध वे लड़े भारत में एकता सहिष्णुता सद्भाव अस्तित्व आदि को बनाए रखने की कोशिश की इस प्रसंग में गांधीजी ट्रेन से फर्स्ट क्लास के डिब्बे से प्रवास कर रहे थे पर उनका रंग देखकर एक अंग्रेजी आदमी ने उन्हें ट्रेन से बाहर जाने के लिए कहा था। उनका सामान बाहर फेंक दिया था और उन्हें बाहर धकेलने की कोशिश की थी। गांधी जी फस्ट क्लास का टिकट निकाला था।फिर भौ उन्हें बैठने नहीं दिया।

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