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साहित्यशास्त्र, बी.ए.भाग १, सेमिस्टर-२, वस्तुनिष्ठ प्रश्न   कंस में दिए गए शब्द उत्तर दर्शाते है  १) मलबे का मलिक......की कहानी विधा  है l (मोहन राकेश )  २) मलबे का मलिक कहानी का गनी मिया साढ़े सात साल के बाद .......से अमृतसर आये थे l (लाहोर) ३) अब्दुल गनी मिया के पुत्र का नाम .....था l (चिरागदीन  )  ४) चिराग पेशे से ....का काम करता था l (दर्जी ) ५) चिराग की पत्नी का नाम जुबेदा तथा बेटी का नाम .....था l (किश्वर और सुल्ताना ) ६) बाजार .... अमृतसर का एक उजड़ा हुआ बाजार है l (बॉसा) ७) मोहन राकेश ..... के पुरस्कर्ता थे l (नई कहानी) ८) मोहन राकेश का जन्म ......में ८ जनवरी १९२५ में हुआ l (अमृतसर) ९) मोहन राकेश की तिन नाट्य कृर्तीया ......हें l (आषाढ का एक दिन ,लहरों के राजहंस ,आधे –अधूरे ) १०) अब्दुल गनी मिया के पुत्र चिरागदीन को .......ने मारा था l (रख्खा पहलवान ) ११) आज मलबे का मलिक .....बन बैठा था l (रख्खा पहलवान ) १२) वृदावनलाल वर्मा ने ......उपन्यास लिखे l (ऐतीहासिक ) १३) उनके ऐतीहासिक उपन्यास..... को भारत सरकार ने पुरस्क्रूत कियाl  (झासी की रानी ) १४) अहिल्याबाई के दामात का नाम ......था

शोधनिबंध- मैत्रेयी पुष्पा की कहानियों में चित्रित स्त्री विमर्श

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  शोधनिबंध-  मैत्रेयी पुष्पा की कहानियों में चित्रित स्त्री विमर्श भारतीय समाज में नारी शुरू से ही साहित्य का विषय रही है। हिंदी साहित्य सृजन  में विभिन्न लेखिकाओं ने अपना योगदान दिया है। स्वातंत्र्योत्तर कालीन बदलती सामाजिक तथा राजनैतिक स्थितियों ने नारी की चिंतन में अपूर्व परिवर्तन किया। पुरुष प्रधान समाज में नारी की स्थिति को दर्शाने के प्रयास हिंदी कहानियों में विविध लेखिकाओं ने प्रस्तुत किए हैं। आठवें दशक में अनेक महिला लेखिकाओं ने स्त्री विमर्श को अपनी रचनाओं में उभारने का प्रयास किया। उषा प्रियंवदा, मन्नू भंडारी, चित्रा मुद्गल, कृष्णा सोबती तथा मैत्रेयी पुष्पा की रचनाओं ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया है।  हिंदी साहित्य में महिला लेखन के प्रति हर संघर्ष एवं चुनौतियों से टक्कर देने वाली, अपनी बात को सत्य कहने वाली मैत्रेयी पुष्पा एक अलग कहानीकार है। आधुनिक नारी की मन:स्थिति पारिवारिक जीवन में पति पत्नी संबंध, स्त्री पुरुष संबंधों के विविध कोन स्त्री पुरुष संबंधों पर निहित स्त्री शोषण को अपने कथा साहित्य के जरिए सूक्ष्मता से अंकित किया गया है। मैत्रेयी पुष्पा स्त्री पर लिखने वाली, नार

मलाला युसुफ़ज़ई

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  मलाला युसुफ़ज़ई   ( पश्तो : जन्म: 12 जुलाई 1997)   को बच्चों के अधिकारों की कार्यकर्ता होने के लिए जाना जाता है।   वह   पाकिस्तान   के   ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा   प्रान्त के   स्वात जिले   में स्थित मिंगोरा शहर की एक छात्रा है। 13 साल की उम्र में ही वह तहरीक-ए-तालिबान शासन के अत्याचारों के बारे में एक छद्म नाम के तहत   बीबीसी   के लिए ब्लॉगिंग द्वारा स्वात के लोगों में नायिका बन गयी। अक्टूबर 2012 में, मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने उदारवादी प्रयासों के कारण वे आतंकवादियों के हमले का शिकार बनी, जिससे वे बुरी तरह घायल हो गई और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आ गई। मलाला युसुफ़ज़ई ملاله یوسفزۍ जन्म 12 जुलाई 1997  (आयु 23) [1] [2] राष्ट्रीयता पाकिस्तानी अन्य नाम गुल मकई गृह स्थान मिंगोरा, ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा ,  पाकिस्तान प्रसिद्धि कारण महिला अधिकार  कार्यकर्ता,  शिक्षाविद् माता-पिता ज़ियाउद्दीन युसुफ़ज़ई (पिता) पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार पाकिस्तान का  राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार  नोबल पुरस्कार संयुक्त रूप में भारत के कैलाश_सत्यार्थी कैलाश सत्यार्थी के साथ 2015 बाल्यावस्
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 अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। हिन्दी अनुवाद: “हम महिलाओं को मताधिकार दो। महिला दिवस, 8 मार्च 1914। अब तक, भेदभाव और प्रतिक्रियावादी नज़रिए ने उन महिलाओं को पूर्ण नागरिक अधिकार से वंचित रखा है, जिन्होंने श्रमिकों, माताओं और नागरिकों की भूमिका पूरी निष्ठा से अपने कर्त्तव्य का पालन किया है एवं जिन्हें नगर पालिका के साथ-साथ राज्य के प्रति भी करों का भुगतान करना होता है। इस प्राकृतिक मानवाधिकार के लिए हर औरत को दृढ़ एवं अटूट इरादे के साथ लड़ना चाहिए। इस लड़ाई में किसी भी प्रकार के ठहराव या विश्राम करने की अनुमति नहीं है। सभी महिलाएँ और लडकियाँ आएं, रविवार, 8 मार्च 1914 को, शाम 3 बजे, 9वीं महिला सभा में शामिल हों।” कुछ क्षेत्रों में, यह दिवस अपना राजनीतिक मूलस्वरूप खो चूका है, और अब यह मात्र महिलाओं के प्रति अपने प्यार को अभिव्यक्त करने हेतु ए

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 सही विकल्प चुनिए  1] कृष्णा सोबती का  _______ कहानी संग्रह है। (1) समय मरगम  (2) बादलों के घेरे  (3) हम हशमत 2] कृष्णा सोबती के माॅ का नाम _______ था। (1) चंचला  (2) दुर्गादेवी (3) सुषमादेवी 3] कृष्णा सोबती का जन्म _______ में हुआ। (1) 12 जनवरी, 1924  (2)  18 फरवरी 1925 (3) 20 फरवरी 1925 4] कृष्णा सोबती का ' समय मरगम ' प्रसिद्ध  _______ है। (1) कहानी (2) एकांकी  (3) उपन्यास 5] कृष्णा सोबती को ज्ञानपीठ पुरस्कार _______ में मिला। (1) 2018 (2) 2019 (3) 2017 6]  कृष्णा सोबती का जिंदगीनामा ________ साहित्य है। (1) कहानी (2) एकांकी  (3) उपन्यास 7]  कृष्णा सोबती ________ काल की प्रसिद्ध लेखिका है। (1) आदिकाल  (2) भक्तिकाल  (3) आधुनिक काल 8] कृष्णा सोबतीने अपने साहित्य में ________ विमर्श को चित्रीत किया। (1) दलित  (2) नारी  (3) किन्नर 9] कृष्णा सोबती की कहानी ' सिक्का बदल गया ' __________ पर आधारित है। (1) भारत - पाकिस्तान विभाजन  (2) किसान  (3) दलित विमर्श 10] कृष्णा सोबती  _________ साहित्य की लेखिका है। (1) हिंदी  (2) संस्कृत  (3) मराठी

काव्य शास्त्र- रस

  श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनन्द प्राप्त होता है, वही काव्य में रस कहलाता है। रस के जिस भाव से यह अनुभूति होती है कि वह रस है, स्थायी भाव होता है। रस, छंद और अलंकार - काव्य रचना के आवश्यक अवयव हैं। रस का शाब्दिक अर्थ है - आनन्द। काव्य में जो आनन्द आता है, वह ही काव्य का रस है। काव्य में आने वाला आनन्द अर्थात् रस लौकिक न होकर अलौकिक होता है। रस काव्य की आत्मा है। संस्कृत में कहा गया है कि "रसात्मकम् वाक्यम् काव्यम्" अर्थात् रसयुक्त वाक्य ही काव्य है। रस अन्त:करण की वह शक्ति है, जिसके कारण इन्द्रियाँ अपना कार्य करती हैं, मन कल्पना करता है, स्वप्न की स्मृति रहती है। रस आनंद रूप है और यही आनंद विशाल का, विराट का अनुभव भी है। यही आनंद अन्य सभी अनुभवों का अतिक्रमण भी है। आदमी इन्द्रियों पर संयम करता है, तो विषयों से अपने आप हट जाता है। परंतु उन विषयों के प्रति लगाव नहीं छूटता। रस का प्रयोग सार तत्त्व के अर्थ में चरक, सुश्रुत में मिलता है। दूसरे अर्थ में, अवयव तत्त्व के रूप में मिलता है। सब कुछ नष्ट हो जाय, व्यर्थ हो जाय पर जो भ